Tuesday, 20 August 2013

नरेंद्र मोदी- आईडिया जिसका समय अब आ गया है!

 यह व्‍यंगपूर्ण है कि शेखी बघारने वाली भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था की टीम- डा. मनमोहन सिंह, डा. मोंटेक सिंह अहलूवालिया और पी चिदंबरम आर्थिक गिरावट को पैतृक संपत्ति के रूप में छोड़ कर जायेगी। लगतार बढ़ती महंगाई, बढ़ती बेरोजगारी, यूपीए के 10 साल के राज में रुपए का इतना नीचे गिरना सिर्फ आर्थिक आपदा नहीं है। आर्थिक ढांचे के ध्‍वस्‍त होने के पीछे कई अन्‍य कारण भी हैं जैसे अच्‍छे नेतृत्‍व का नहीं होना, अधिकारी का गलत होना, कोई जवाबदेही नहीं होना और ईमानदारी और अपने मूल्‍यों पर काम करने से पूरी तरह दूर भागना। 10 साल पहले दुनिया के कई बड़े देशों के बीच हमारा देश सुपर पावर की उपाधि के लिये दौड़ लगा रहा था और आज सारी उम्‍मीदें जैसे पानी में जाती दिखाई दे रही हैं। विश्‍वास, उत्‍साह और जोश खत्‍म सब अचानक उड़ गया है। नरेंद्र मोदी- आईडिया जिसका समय अब आ गया है! ऐसे समय में एक आदमी उभर कर सामने आया है। इतिहास ने कई प्रभावशाली नेता देखे हैं, जिन्‍होंने देश की जनता को आगे बढ़ाने में सकारात्‍मक भूमिका अदा की। आपदा के समय उन्‍होंने देश को संकट से उबारा। ऐसी ही एक आंधी गुजरात से उठी है, जिसने दिल्‍ली में बैठे कई लोगों के होश उड़ा दिये हैं। उस आंधी का नाम है नरेंद्र मोदी। यह वो व्‍यक्ति है, जिसने हमेशा जमीनी स्‍तर पर सोचा और काम किया साथ ही अपनी गवर्नेंस से लोगों को चौंका दिया है। उन्‍हीं पर हम बात करेंगे कुछ आंकड़ों को साथ लेते हुए- प्रगति एवं प्रदर्शन कांग्रेस से एकदम अलग हट कर देखें तो मोदी की ख्‍याति का सिर्फ एक कारण है गुजरात में उनका प्रदर्शन। उनके नेतृत्‍व में गुजरात का लोहा कई बड़े अर्थशास्‍त्री मानते हैं। न्‍यूज मैगजीन इक्‍नॉमिस्‍ट ने लिखा, "गुजरात में जिस तरह कई काम चल रहे हैं, वैसे भारत में बहुत कम दिखाई पड़ता है।" भारत की 5 फीसदी जनसंख्‍या को समेटे हुए इस गुजरात में 16 फीसदी औद्योगिक आउटपुट और 22 फीसदी निर्यात होता है। पिछले दस साल में यहां की विकास दर दोगुनी हो गई है। कृषि विकास दर 10 फीसदी है, जबकि भारत 3 फीसदी पर अटका हुआ है। मोदी ने अपने शाासन में यहां के इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। बिजली की निरंतर सप्‍लाई उद्योगों को बल देती है। साफ सुथरी छवि जब भ्रष्‍टाचार की बात आती है तो आपको नरेंद्र मोदी की छवि पर एक भी दाग नहीं मिलेगा। यही कारण है कि मोदी हर मंच पर बेबाक बोलते हैं। यदि आप विकीलीक्‍स के द्वारा किये गये खुलासों में देखें तो भारत में तमाम नेताओं की छवि को धूमिल करने के लिये हजारों प्रयास किये गये हैं। उनमें 100 से अधिक प्रयास तो सिर्फ मोदी की छवि को धूमिल करने के लिये हैं। आर्थिक कुशाग्रता कहते हैं अच्‍छी राजनीति अच्‍छी अर्थव्‍यवस्‍था नहीं होती, अच्‍छी अर्थव्‍यवस्‍था अच्‍छी राजनीति नहीं होती। यही कारण है कि एक राजनीतिक पार्टी का मकसद साम दाम दंड भेद किसी भी प्रकार से चुनाव जीतना होता है। आर्थिक मंदी के चलते कई बार राजनीतिक इच्‍छाशक्ति भी समाप्‍त हो जाती है। राजनीति में आने वाले लोगों में किसे राजस्‍व की चिंता रहती है। ऐसे बहुत कम ही मिलेंगे। लेकिन नरेंद्र मोदी हैं, जिनके अंदर आर्थिक मामलों में कुशाग्रता हासिल है। आप ही देख लीजिये देश में कौन सा नेता है उनके अलावा जिसने फूड सिक्‍योरिटी बिल का विरोध किया है। जनता की चाह नरेंद्र मोदी की आलोचना करने वालों की कमी नहीं है, लेकिन फिर भी जहां वो जाते हैं जनता उनकी ओर खिंची चली आती है। हाल ही में हैदराबाद की रैली ही ले लीजिये। कांग्रेस जहां तेलंगाना पर राजनीति कर रही है और तेलंगाना व सीमांध्रा के लोग एक दूसरे को मारने-काटने पर उतारु हैं, वहीं मोदी ने दोनों से अपील की कि हिंसा बंद करके एक साथ मिलकर शांतिपूर्वक राज्‍य का बंटवारा करें। देश भक्ति की भावना जिस समय भारत सीमा पर लगातार पाकिस्‍तान के वार झेल रहा है, ऐसे में देश को ऐसा नेता चाहिये जो देश के लिये कड़े निर्णय ले सके। राजनीतिक गलियारों से बाहर निकल कर बात कर सके। इस मामले में मोदी परफेक्‍ट लीडर दिखाई दे रहे हैं। समय की मांग देश के सामने तमाम मुद्दे हैं- राष्‍ट्र की सुरक्षा, विदेश नीति, सरकार का घटता हुआ कद, चुनावी परिवर्तन, भारत में कानूनों में संशोधन, आदि। समय की मांग यही है कि इन सबके लिये एक विजन और उम्‍मीद चाहिये। नोट- इस लेख के इनपुट आईआईटी पवई में एमबीए के छात्र अपूर्व शाह के अंग्रेजी में लिखे गये लेख से लिये गये हैं। Read in English: Modi is an idea whose time has come! हर बड़ी खबर पर वनइंडिया की नज़र। हरदम अपडेट रहने के लिये जुड़ें हमसे फेसबुक और ट्विटर पर। Topics: narendra modi, loksabha election 2014, gujarat, bjp, नरेंद्र मोदी, लोकसभा चुनाव 2014, गुजरात, भाजपा Story first published: Monday, August 19, 2013, 16:30 [IST] English summary Narendra Modi the idea whose time has come The confidence, enthusiasm and vigor of the nation have suddenly evaporated. Now India needs Narendra Modi.

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